शेर और चालाक सियार की कहानी : Lion And Clever Jackal Story In Hindi
बहुत समय पहले की बात है। एक घने और हरे-भरे जंगल में एक शक्तिशाली सिंह (शेर) रहता था। वह जंगल का राजा कहलाता था क्योंकि उसकी दहाड़ सुनकर सारे जानवर काँप उठते थे। हर दिन सिंह किसी न किसी जानवर का शिकार करता और स्वाद लेकर खाता था। धीरे-धीरे जंगल के सभी जीव उससे डरने लगे थे। खरगोश से लेकर हाथी तक, कोई भी उसके सामने जाने की हिम्मत नहीं करता था। लेकिन इस जंगल में एक ऐसा जीव भी था जो सिर्फ बल पर नहीं, बल्कि बुद्धि और चतुराई (intelligence and cleverness) पर भरोसा करता था वह था एक चालाक सियार।
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चालाक सियार की योजना – जब समझदारी बनी जीवन का सहारा
एक दिन वह सियार सोचने लगा, अगर मैं इस शेर की सेवा करूँ, तो मुझे खुद शिकार करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। मैं बस राजा की मदद करूँगा और बदले में भोजन भी मिलेगा।
सियार को यह विचार बहुत पसंद आया। वह तुरंत शेर के पास पहुँचा और विनम्र स्वर में बोला हे जंगल के राजा! मैं आपका सेवक बनना चाहता हूँ। मैं आपके लिए शिकार ढूँढ लाऊँगा और आपकी सेवा करूँगा।
शेर ने पहले तो सियार को घूरा, फिर बोला ठीक है सियार, अगर तुम मेरे लिए शिकार लाओगे तो तुम्हें भी हिस्सा मिलेगा।
यह सुनकर सियार बहुत खुश हुआ। अब वह रोज़ शेर के साथ घूमता, शिकार ढूँढता और उसका साथ निभाता। धीरे-धीरे दोनों में एक अजीब-सी दोस्ती हो गई।
शेर की बीमारी – जंगल का राजा हुआ कमजोर | Panchtantra Moral Story In Hindi
एक दिन अचानक शेर बहुत बीमार पड़ गया। उसका शरीर कमजोर हो गया, दहाड़ धीमी हो गई और शिकार करने की ताकत खत्म हो गई। कई दिन बीत गए और उसने कुछ नहीं खाया। जंगल के सभी जानवर यह देखकर खुश थे कि अब राजा कमजोर हो गया है, लेकिन सियार चिंतित था क्योंकि अब उसके खाने का सहारा भी चला गया था।
सियार ने मन में ठाना, अगर मैंने कुछ उपाय नहीं किया तो भूख से मर जाऊँगा। मुझे अपनी चालाकी का इस्तेमाल करना होगा।
वह बोला राजन, आप आराम करें। मैं आपके लिए कोई शिकार लेकर आता हूँ।
ऊँट का मरा शरीर – जब किस्मत ने दिया मौका
सियार पूरे जंगल में शिकार की तलाश में घूमने लगा। लेकिन हर जानवर शेर से डरकर छिपा हुआ था। वह थक गया, तभी उसकी नजर एक पुराने मरे हुए ऊँट पर पड़ी जो एक पेड़ के नीचे पड़ा था।
सियार खुश होकर बोला, वाह! ये तो भगवान का भेजा वरदान है। अब मैं शेर को यह ऊँट दिखाकर उसकी भूख मिटा सकता हूँ और खुद भी भोजन पा सकता हूँ।
वह तुरंत शेर के पास गया और बोला राजन, मैंने एक मोटा ऊँट देखा है। अगर आप चलें तो उसे खा सकते हैं। शेर ने थके हुए स्वर में कहा मैं बहुत कमजोर हूँ, अब मुझसे चला नहीं जाता।
सियार बोला चिंता मत कीजिए महाराज। मैं कोई उपाय निकालता हूँ जिससे आपको भोजन यहीं मिल जाए।
सियार की चालाकी – जब दिमाग ने जीत ली लड़ाई
सियार ने एक नई योजना बनाई। वह जंगल के सभी जानवरों को इकट्ठा करके बोला हमारे राजा बहुत बीमार हैं। अगर हमने उन्हें भोजन नहीं दिया तो वह मर जाएँगे। हमें उनकी सेवा करनी चाहिए।
सभी जानवर सिंह से डरते थे, इसलिए किसी ने मना नहीं किया। वे बोले ठीक है, हम अपनी जान राजा के लिए देने को तैयार हैं।
सियार ने चतुराई से कहा मैं सबसे पहले अपना शरीर अर्पित करता हूँ, लेकिन मैं बहुत छोटा हूँ। मुझसे राजा की भूख नहीं मिटेगी। पहले कोई बड़ा जानवर अपना शरीर अर्पित करे।
बाकी जानवर यह सुनकर चुप हो गए। वे डर तो रहे थे लेकिन आगे आने की हिम्मत नहीं कर पाए।
ऊँट बना भोजन – सियार की सफलता की कहानी | Singh Aur Siyar Story In Hindi
इतना कहते ही सियार सिंह के पास गया और बोला राजन, चलिए मेरे साथ। मैंने आपके लिए भोजन का इंतज़ाम कर लिया है।
वह शेर को उस पेड़ के पास ले गया जहाँ ऊँट मरा हुआ था। शेर ने उस ऊँट को खाकर अपनी भूख मिटाई। सियार को भी भरपूर हिस्सा मिला। बाकी जानवरों को यह देखकर हैरानी हुई कि कैसे एक कमजोर सियार ने अपनी बुद्धिमानी और समझदारी (wisdom and cleverness) से न केवल राजा की जान बचाई बल्कि खुद का पेट भी भर लिया।
कहानी की सीख – बुद्धि सबसे बड़ी शक्ति है | Moral of The Story in Hindi
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बुद्धि और समझदारी, बल और ताकत से कहीं अधिक शक्तिशाली होती है।
जो व्यक्ति परिस्थितियों में शांत रहकर सही निर्णय लेता है, वही सच्चा विजेता होता है।
इसलिए, हमेशा अपने दिमाग का सही इस्तेमाल करें। हर समस्या का हल ताकत से नहीं, बल्कि समझदारी से निकाला जा सकता है। यही पंचतंत्र की शिक्षा (Panchtantra Moral Story) है।
