अधूरी मोहब्बत की दास्तां | Emotional Story in Hindi

हर इंसान की ज़िंदगी में एक ऐसा प्यार जरूर होता है जो उसे पूरी तरह बदल देता है। कुछ प्यार मुकम्मल हो जाते हैं, तो कुछ अधूरे रहकर भी ज़िंदगी भर साथ चलते हैं। आज जो आप पढ़ने जा रहे हैं, वो सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि एक ऐसा अहसास है जो शायद आपने भी कभी जिया होगा। यह एक Emotional Story in Hindi है – आरव और सिया की अधूरी मोहब्बत की दास्तां।

Emotional Story in Hindi

Emotional Story in Hindi: अधूरी मोहब्बत की दास्तां

आरव एक सीधा-सादा लड़का था, किताबों की दुनिया में खोया हुआ, अपने ख्वाबों को लेकर गंभीर। वो शहर की एक पुरानी सी किताबों की दुकान चलाता था, जहाँ दिनभर पुराने कागज़ों की खुशबू, बारिश की बूंदें और चाय की गर्माहट बसी रहती थी। सिया की उससे पहली मुलाक़ात भी एक बरसात भरी दोपहर को ही हुई थी। वो अचानक दुकान में आई और बोली, “आपके पास चेतन भगत की कोई किताब है?” उसकी भीगी पलकों और हल्की मुस्कान ने जैसे उसकी हर रोज़ की खामोशी में कोई मीठी धुन बज उठी।"

उसके बाद सिया अक्सर आने लगी। कभी कोई नई किताब ढूंढने के बहाने, तो कभी बस थोड़ी-सी बात करने के लिए। आरव को उसका इंतज़ार रहने लगा, वो उसकी बातें सुनकर मुस्कराने लगा। लेकिन ये सब बिना कहे ही हो रहा था। कोई इज़हार नहीं, कोई वादा नहीं — सिर्फ एक नर्म सा रिश्ता जो हर मुलाक़ात के साथ गहराता जा रहा था। ऐसा लगता था जैसे दोनों के बीच शब्दों से ज़्यादा खामोशियाँ बोलती थीं। आरव हर रोज़ उसकी पसंद की किताबें सजाकर रखता था, और सिया हर बार उसकी आँखों में कुछ ढूंढती रहती थी।

पर ज़िंदगी इतनी आसान कहाँ होती है? एक दिन सिया आई, लेकिन वो मुस्करा नहीं रही थी। उसके चेहरे पर खामोशी थी और आँखों में अनकही बातें। उसने धीमी आवाज़ में कहा, “आरव, पापा ने मेरी शादी तय कर दी है… अगले महीने।” आरव उस पल कुछ नहीं कह पाया। दिल में बहुत कुछ था, लेकिन जुबां जैसे पत्थर हो गई थी। सिया ने बस इतना कहा, “तुम अच्छे हो आरव, लेकिन ज़िंदगी हमेशा हमारी मर्ज़ी से नहीं चलती।” और वो चली गई, जैसे कभी आई ही नहीं थी।

वक़्त बीत गया, लेकिन आरव वहीं ठहर गया। वो अब एक सफल लेखक बन चुका था, उसकी किताबें बेस्टसेलर थीं, लेकिन दिल के किसी कोने में अब भी एक नाम लिखा था — सिया। उसकी हर कहानी में कोई न कोई किरदार सिया जैसा होता, उसकी हर पंक्ति में एक अधूरी चाहत होती। ये सिर्फ लेखन नहीं था, ये एक अधूरी मोहब्बत की सज़ा थी।

एक दिन एक बुक लॉन्च इवेंट में वो चेहरा फिर नज़र आया — वही मुस्कान, वही आँखें, लेकिन अब उनमें कुछ थकान थी। सिया सामने खड़ी थी, एक पाठक बनकर। दोनों ने एक-दूसरे को देखा, जैसे वक़्त कुछ देर के लिए थम गया हो। आरव ने बस इतना कहा, “कैसी हो?” और सिया ने मुस्करा कर उसकी नई किताब उठाई — जिसका नाम था “अधूरी मोहब्बत की दास्तां।” वो सबकुछ कह गया, जो अब शब्दों में नहीं कहा जा सकता था।

इस Emotional Story in Hindi में कोई अंत नहीं है, क्योंकि सच्चा प्यार कभी खत्म नहीं होता। ये कहानी सिर्फ आरव और सिया की नहीं, बल्कि उन सभी लोगों की है जिन्होंने किसी को दिल से चाहा लेकिन किस्मत को मंज़ूर नहीं था। शायद आप भी किसी ऐसे एहसास से गुज़रे हों जहाँ प्यार अधूरा रहा, लेकिन उसकी गहराई आज भी वैसी ही है।

हम अक्सर सोचते हैं कि अधूरी मोहब्बत दर्द देती है, लेकिन असल में वही हमें सबसे ज़्यादा इंसान बनाती है। वो एक बार किया गया सच्चा प्यार, जो भले साथ न रहे, पर ज़िंदगी भर दिल में बस जाता है। यही इस Emotional Story in Hindi का सार है — कि कभी-कभी सबसे हसीन कहानियाँ वही होती हैं जो पूरी नहीं हो पातीं।

अगर यह कहानी आपके दिल को छू गई हो, तो इसे ज़रूर शेयर कीजिए।
और नीचे कमेंट में बताइए — क्या आपने भी कभी किसी को इस तरह चाहा है?
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